राज्यसभा के नये उपसभापति के चुनाव का मीडिया कवरेज
राज्यसभा के नये उपसभापति के चुनाव का मीडिया कवरेज
प्रभात खबर के पूर्व प्रधान संपादक सह जदयू के राज्यसभा सदस्य हरिवंश गुरुवार को उच्च सदन के उपसभापति पद के लिए चुन लिए गए हैं। उन्हें विपक्ष की ओर से कांग्रेस के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को 105 वोट के मुकाबले 125 वोट मिले। इस तरह एनडीए के हरिवंश ने यूपीए के हरिप्रसाद को 20 वोटों से हरा दिया। राज्यसभा में इस वक्त 244 सांसद हैं। हालांकि, वोटिंग के समय 232 सांसद ही सदन में उपस्थित थे ।इनमें से 230 ने ही वोटिंग में हिस्सा लिया ।दो सदस्यों ने अपना वोट नही डाला ।बता दे कि 1977 से लगातार कांग्रेस का उम्मीदवार ही उपसभापति बनता रहा है। इस लिहाज से एनडीए की यह जीत बेहद अहम है। तमाम कोशिशों के बावजूद विपक्ष की रणनीति फेल हो गयी ।
मौजूद कुल सीट : 244
वोटिंग : 230 बहुमत : 116
हरिवंश : 125 बीके हरिप्रसाद : 105
भाजपा 73 कांग्रेस 48
जदयू 6 राजद 5
अन्नाद्रमुक 13 राकांपा ०4
बीजक 9 सपा 12
टीआरएस 6 टीएमसी 11
निर्दलीय 5 टीडीपी 6
मनोनीत 4 वामदल 7
इनेलोद 1 बसपा 4
आरपीआई 1 डीएमके 2
शिवसेना 3 आइयूएमएल 1
अकाली 1 जेडीएस 1
बीपीएफ़ 1 केरल कांग्रेस 1
एसडीएसफ 1 एनपीएफ 1
वाइएसआरसीपी 1 निर्दलीय 2
हरिवंश नारायण सिंह उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के सिताबदियारा में 1956 में जन्में हरिवंश ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया है, फिर 1977 में पत्रकारिता में कैरियर की शुरूआत की ।
हरिवंश ने 1981 से 1984 तक बैंक ऑफ़ इंडिया में नौकरी भी की थी। वह अक्टूबर 1989 तक रविवार पत्रिका में सहायक संपादक भी रहे. टाइम्स आफ इंडिया समूह के सबसे लोकप्रिय साप्ताहिक पत्रिका ‘धर्मयुग’ के लिए मुंबई में काम किया. इसके बाद कोलकता के आनंद बाजार पत्रिका समूह के साप्ताहिक ‘रविवार’ में काम किया. फिर वर्ष 1990-91 में प्रधानमंत्री कार्यालय में सहायक सूचना सलाहकार (संयुक्त सचिव) के रूप में काम किया. 1990 से जनवरी 2017 तक प्रभात खबर (हिंदी अखबार) के प्रधान संपादक रहे. फिलहाल जदयू से राज्य सभा सांसद हैं।
हरिवंश नारायण सिंह एक भारतीय पत्रकार और राजनेता है, जो भारत के वरिष्ठ सदन राज्यसभा में उपसभापति हैं। इस पद पर उन्होंने कांग्रेस सदस्य पी जे कुरियन का स्थान लिया है । उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से अपने पत्रकारिता के करियर की शुरुआत की और अपने पूरे करियर में कई अलग-अलग मीडिया प्रकाशनों में काम किया है। उन्होंने पूर्व प्रधान मंत्री चंद्रशेखर के अतिरिक्त मीडिया सलाहकार के रूप में भी कार्य किया है। वे 1989 में हिंदी समाचार पत्र प्रभात खबर से जुड़े। यह समाचार पत्र बिहार के चारा घोटाला सहित कई उच्च प्रोफ़ाइल घोटालों की जांच के लिए जाना जाता है।
वर्ष 2014 में, जनता दल (यूनाइटेड) ने छह साल की अवधि के लिए बिहार से हरिवंश को राज्यसभा के लिए नामित किया। 08 अगस्त, 2018 को, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में छह साल के कार्यकाल के लिए उन्हें राज्यसभा के उप सभापति के रूप में निर्वाचित किया गया । हरिवंश के पक्ष में जदयू के आरसीपी सिंह भाजपा के अमितशाह, शिवसेना के संजय राउत और अकाली के सुखदेव सिंह ढींढसा ने प्रस्ताव किया। उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने कहा कि मैं स्पष्ट कराना चाहता हूं कि नये उप सभापति का नाम हरिवंश राय नही बल्कि हरिवंश नारायण सिंह है, हरिवंश पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर से प्रेरित हैं और उनकी तरह ही अपना उपनाम नही लिखते हैं, बता दे कि कई सदस्यों ने उनका नाम हरिवंश राय के रूप में किया था ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरिवंश को बधाई देते हुए उनके विभिन्न क्षेत्रों के अनुभव के हवाले से उनके निर्वाचन को सदन के लिए गौरव का विषय बताया। प्रधानमंत्री ने विपक्ष के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को भी शुभकामनाएं दी। कहा कि सदन पर हरिप्रसाद की हरिकृपा बनी रहेगी। अब सब हरि भरोसे है। हरिवंश पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने हैं। उन्होंने कहा, "मुझे मीडिया से पता चला है कि राज्यसभा उपसभापति पद के लिए मैं राजग का उम्मीदवार हूं। मैं राजग के दलों के प्रति अपना आभार प्रकट करता हूं। मुझे आशा है कि मैं सफल होऊंगा।" यह पूछे जाने पर कि विपक्ष उनके खिलाफ उम्मीदवार उतारने की योजना बना रहा है, हरिवंश ने कहा कि हर किसी को चुनाव लड़ने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि उच्च संवैधानिक पदों पर एक आम सहमति होनी चाहिए और उन्होंने विपक्षी पार्टियों से इस दिशा में काम करने का आग्रह किया ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हरिवंश को बधाई देते हुए उनके विभिन्न क्षेत्रों के अनुभव के हवाले से उनके निर्वाचन सदन के लिए गौरव का विषय बताया । प्रधानमंत्री ने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को भी शुभाकामनाएं दी। कहा कि सदन पर हरिकृपा बनी रहेगी, अब सब कुछ हरि भरोसे । प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा खिलाडियों से ज्यादा अम्पायर परेशान रहते हैं अब तो आपकी अम्पायर की भूमिका हो गए हैं। लोगों की उम्मीद है खास तौर से पिछले दिन 25 से 25 वर्षो में इस देश की राजनीति में इस तरह से आप पाएंगे जिन लोगों के अन्दर देश के अलग अलग हिस्सों में एक्सपीरियंस हो या फर्स्ट्रेशन दिखाई देता है उसका फर्स्ट्रेशन होश में होता है। यह अलग अलग संस्कृतियों का और अलग अलग विचारधारा से सोचने वाले और अलग अलग भाषाओं के देश से हम कहते हैं, कि विविधता में एकता तो निश्चित तौर में हाल के वर्षो में पार्लियामेंट में सारे मुद्दे ज्वलंत क्षेत्रों में प्रभावी रूप से सामने आते हैं कई बार अपने आप खिसक जाते हैं पर वक्त आने पर उन सब मिल कर कॉल करे मैंने सबसे निवेदन किया राज्यसभा की क्या जरुरत है।
इस पर जब शुरू में बातचीत हो रही थी तो संविधान सभा में इस पर बहस हुई तो जिन लोगों ने अपना मंतव्य दिया उसमे डॉ. राधाकृष्णन ने पहली सभा का आयोजित की गयी उसमें राज्यसभा के बारे में हमारे संविधान निर्माताओं ने उन चीजों की कल्पना कर ली थी ऐसे हालात होंगे तो हमारी भूमिका क्या होगी उन्होंने कहा कि सेकेण्ड चैम्बर एक राज्यसभा की उपयोगिता साबित करने का दायित्व हम सब सांसदों पर है। जो राज्यसभा में हैं, उन्होंने कहा समय और नदी की धार किसी की प्रतीक्षा नहीं करती। दुनिया बड़ी तेजी से बदल रही है जो चीजे हज़ार साल में होती थी । वह अब 08 से 10 वर्षो में हो रही है अब हमको तय करना है और सारे दल के नेताओं को यह तय करना है कि इस दौड़ में क्या भारत पीछे है कि भारत एक ताकतवर मुल्क बनेगा ।
सन्दर्भ – सूची
https://economictimes.indiatimes.com/...
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