सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

चुनाव को लेकर सरकार से सीधा संपर्क हैशटैग दीदी

अब चर्चा ये चल रही है कि अगर कांग्रेस की सीटें 200 से कम रहती हैं तो क्या कांग्रेस राहुल गाँधी के अलावा किसी और को ... सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर इस वक़्त हैशटैग ट्रेंड कर रहा है। सूत्रों की माने तो जल्द ही राहुल गाँधी और ममता बनर्जी के बीच गठबंधन की बातचीत हो सकती है
ममता बनर्जी ने कहा- त्योहारी मौसम में देश में नापाक गठबंधन का बोलबाला है। हत्यारे कभी भी अमीर और गरीब में फर्क नहीं करते हैं और इसे लेकर मैं काफी दुखी हूं'
बनर्जी को प्रतिष्ठित पत्रिका टाइम ने दुनिया के 100 सबसे प्रभावशाली दुनिया में सबसे प्रभावशाली लोगों में शुमार टाइम ने कहा है कि ममता को उनके समर्थक दीदी कहते हैं और आलोचक भी उनके संघर्ष को स्वीकार करते हैं। पत्रिका ने लिखा कि ममता ने खुद को एक परिपूर्ण नेता के तौर पर साबित किया है। एक के बाद एक चुनाव में उन्होंने अपनी ताकत का विस्तार किया है। तनुश्री-नाना विवाद पर बोलीं शिल्पा शेट्टी, हैशटैग #Metoo नहीं #Youtoo होना
केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह आज पश्चिम बंगाल में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे. सभा में ममता सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'मां, माटी और मानुष कोई भी बंगाल में सुरक्षित नहीं है.' राजनाथ सिंह ... यह खबर सामने आने के बाद हैशटैग 'रेवती लाल' और 'सुरेश छारा' ट्रेंड करता रहा. दिल्ली ... ममता दीदी : ठंडा-ठंडा कूल-कूल. मेल टुडे ... ममता बनर्जी को मालदा पर जवाब देना होगा : राजनाथ सिंह - जैसे भाईसाहब ने तो दादरी, गुजरात, मुजफ्फरपुर पर जवाब दे ही दिया है
आगामी चुनाव, बढ़ी हुई उम्र और राजपरिवार वाली पृष्ठभूमि। ... हैशटैग है- कॉटन इज कूल। ... ममता बनर्जी के पिछले दिल्ली दौरे की बात है। दीदी ... ममता के कहने पर पुलिस वालों ने उस नन्हे बंदर को छुड़ाया, दीदी ने पूरी वानर टोली को बिस्किट खिलाए।
 2019 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक पार्टियों के एक-दूसरे पर हमले तेज हो गए हैं। पश्चिम बंगाल में बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को साउथ 24 परगना में एक जनसभा के दौरान बेशर्म महिला तक कह दिया।
ममता बनर्जी का संक्षिप्त परिचय :-
ममता बनर्जी जन्म: (05 जनवरी , 1955) भारतीय राज्य पश्चिम बंगाल की वर्तमान मुख्यमंत्री एवं राजनैतिक दल तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख हैं। उनके अनुयायियों उन्हें दीदी (बड़ी बहन) के नाम से संबोधित करते हैं।
बनर्जी का जन्म कोलकाता में गायत्री एवं प्रोमलेश्वर के यहां हुआ। उन्होंने बसंती देवी कॉलेज से स्नातक पूरा किया एवं जोगेश चंद्र चौधरी लॉ कॉलेज से उन्होंने कानून की डिग्री प्राप्त की।


हैशटैग का सही उपयोग कैसे करें ?
हैशटैग (Hashtag) समान वाक्य, विषय अथवा सन्देश (जैसे वाल पोस्ट, ट्वीट इत्यादि) को वर्गीकृत करने एक तकनीकी माध्यम है. इसका उपयोग मुख्यतः सोशल मीडिया पर सम्बंधित सूचना को '#' चिन्ह की सहायता से एकीकृत करने के लिए होता है
 
सोशल मीडिया पर किसी भी सामग्री को साझा करने का मुख्य उद्देश्य यही होता कि वह ज्यादा से ज्यादा लोगों के समक्ष पहुँच सके. हालाँकि इसके लिए कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है जिसमे कुछ तकनीकी विषय भी शामिल हैं. हैशटैग इसी विषय पर आधारित एक प्रबल माध्यम है जिसका यथोचित उपयोग किसी भी पोस्ट को प्रभावी बना सकता है
हैशटैग है क्या ?
आपने ट्विटर से लेकर फेसबुक पर कई बार किसी खास शब्द के पूर्व में ‘#’ चिन्ह देखा होगा. यह दिए गए शब्द को लिंक में परिवर्तित करने का कार्य करता है और सारा खेल यहीं से शुरू होता है
उदाहरण के तौर पर मैं किसी भी सन्देश या लिंक साझा करते हुए इसके वर्णन में #HinfoGraphics लिख दूँ तब यह अपने-आप एक लिंक में परिवर्तित हो जाएगा तथा इसपर क्लिक करके वह सभी सन्देश पढ़े जा सकते हैं जहाँ-जहाँ इसका अक्षरशः प्रयोग हुआ हो (‘#’ प्रतीक चिन्ह के साथ).
 हैशटैग के उपयोग की सही विधि क्या है ?
हैशटैग को लेकर कई लोग अब भी भ्रम में रहते हैं या जाने अनजाने में इसका दुरूपयोग कर बैठते हैं प्रस्तुत है इसके सही से उपयोग में लाने की विधि
इसे पुनः विभिन्न उदाहरणों के साथ समझा जा सकता है.
यहाँ आप हैशटैग को मात्र उन शब्दों के साथ उपयोग करते हैं जो उस विषय से जुड़ा मुख्यशब्द है और जिससे आप अन्य संदेशों के बीच संबंध स्थापित कर सकते हैं. जैसे instagram पर सम्बंधित तस्वीर के साथ #AncientMonuments लिखा जाए तो उस हैशटैग पर क्लिक करने से वह तमाम उन चित्रों को दर्शाएगा जो पुराने स्मारकों से जुड़ा है
अमिताभ बच्चन ने हाल ही में 24वें कोलकाता इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (KIFF) में शिरकत करने पहुंचे थे इस 8 दिवसीय फेस्ट‍िवल का उद्धाटन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया इस समारोह में कई बड़े सितारे पहुंचे लेकिन जब अमिताभ बच्चन स्टेज पर पहुंचे तो उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा, "मैंने कितनी बार मना किया है, दीदी मुझे अब यहां नहीं बुलाया करें "
दरअसल अमिताभ मंच पर पहुंचते ही माहौल में जोश भर गया. फिर अमिताभ ने हंसते हुए कहा, "मैं जो यहां आकर हर बार हिंदी में बोलता रहा हूं वो अब बंगाली में कह रहा हूं. उम्मीद है ममता दीदी मेरी बात को समझ जाएंगीं. मेरा पास यहां आकर बोलने को कुछ भी नहीं है." अमिताभ के इस अंदाज को सुनकर वहां मौजूद दर्शक और सितारे सभी हंस पड़े. अमिताभ बच्चन की बातें सुनकर ममता बनर्जी ने भी इशारा करते हुए कह दिया, "ये बात समझ नहीं आई "

बता दें इस फिल्म फेस्टिवल में बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, शाहरुख खान, विश्वजीत चटर्जी, वहीदा रहमान के अलावा बंगाल की एक्ट्रेस माधवी मुखर्जी, फिल्म डायरेक्टर माजिद मजीदी, सावित्री चटर्जी, एक्ट्रेस और डायरेक्टर नंदिता दास, रंजीत मल्लिक के साथ सिमोन बेकर, फिलीप नोयेस, जिल बिलकोक जैसे कई कलाकार भी शामिल हुए

सन्दर्भ – सूची
https:navbharattimes.indiatimes.com
https://hi.wikipedia.org

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जनसंपर्क की अवधारणा क्षेत्र एवं कार्य

                                        जनसंपर्क की अवधारणा क्षेत्र एवं कार्य                                                           जनसंपर्क संचार की एक प्रक्रिया है ,   जिसमें जनता से संचार स्थापित किया जाता है। यह एक जटिल और विभिन्न क्षेत्रों की सम्मिश्रित प्रक्रिया है। इसमें प्रबंधन ,   मीडिया , संचार और मनोविज्ञान जैसे विषयों के सिद्धांत और व्यवहार शामिल है। जनसंपर्क की प्रक्रिया एक सुनिश्चित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए की जाती है ,   जो एक सही माध्यम के द्वारा जनता से संपर्क स्थापित कर अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सही दिशा में अग्रसर होने में सहायक होती है। जनसंपर्क ऐसी प्रक्रिया है ,   जो सम्पूर्ण सत्य एवं ज्ञान पर आधारित सूचनाओं के आदान - प्रदान के लिए की जाती हैं। जनसंपर्क दो शब्दों   ‘...

गाँधी जी की पत्रकारिता

गाँधी जी की पत्रकारिता आने वाली पीढियां शायद ही विश्वास करे कि गाँधी जैसा हाड़-मांस का पुतला कभी इस धरती पर हुआ होगा। - अल्बर्ट आइन्स्टीन अहिंसा के पथ-प्रदर्शक, सत्यनिष्ठ समाज सुधारक, महात्मा और राष्ट्रपिता के रूप में विश्व विख्यात गाँधी सबसे पहले कुशल पत्रकार थे। गाँधी की नजर में पत्रकारिता का उद्देश्य राष्ट्रीय और जनजागरण था। वह जनमानस की समस्याओं को मुख्यधारा की पत्रकारिता में रखने के प्रबल पक्षधर थे। पत्रकारिता उनके लिए व्यवसाय नहीं, बल्कि जनमत को प्रभावित करने का एक लक्ष्योन्मुखी प्रभावी माध्यम था। महात्मा गाँधी ने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत पत्रकारिता से ही की थी। गाँधी ने पत्रकारिता में स्वतंत्र लेखन के माध्यम से प्रवेश किया था। बाद में साप्ताहिक पत्रों का संपादन किया। बीसवीं सदी के आरम्भ से लेकर स्वराजपूर्व के गाँधी युग तक पत्रकारिता का स्वर्णिम काल माना जाता है। इस युग की पत्रकारिता पर गाँधी जी की विशेष छाप रही। गाँधी के रचनात्मक कार्यक्रम और असहयोग आन्दोलन के प्रचार के लिए देश भर में कई पत्रों का प्रकाशन शुरू हुआ। महात्मा गाँधी में सहज पत्रकार के गुण थे | पत्रकारिता उनक...

History of odiya journalism

History of odiya journalism As a media historian says: “If Gouri Shankar Ray was credited to have printed Odisha’s first newspaper Utkal Dipika in 1866, it was only in early 20th century that journalism got wider acceptance in Odisha following the publication of Asha”. Early history of Dainik Asha   In ancient times the region of Odisha was the center of the Kalinga kingdom, although it was temporarily conquered (c.250 B.C.) by Asoka and held for almost a century by the Mauryas. With the gradual decline of Kalinga, several Hindu dynasties arose and built temples at Bhubaneswar, Puri, and Konarak. After long resistance to the Muslims, the region was overcome (1568) by Afghan invaders and passed to the Mughal empire. After the fall of the Mughals, Odisha was divided between the Nawabs of Bengal and the Marathas. In 1803 it was conquered by the British1.   The Odia-speaking areas were then divided and tagged to the neighboring provinces of Bengal, Central ...