व्यंग्यचित्रों में देखेगी महात्मा गांधी के विचारों की प्रासंगिकता
लोग बड़े हर्षोल्लास के साथ महात्मा गांधी की 153वीं जयंती मनाई जाएगी। क्या ? आपका तात्पर्य उस गांधी से है जिनकी जयंती पर हमें छुट्टी मिलती है और जिन्होंने हमें सत्य , नैतिकता और मूल्यों के बारे में शिक्षा दी ? पर उन्होंने किया क्या ? प्रिय देशवासियो ! भारत की नई पीढ़ी महात्मा गांधी के बारे में किस तरह सोचती है , जिन्हें हम आदर से राष्ट्रपिता कहते हैं। ‘ रघुपति राघव राजा-राम , पतित पावन सीता-राम ’ इन पंक्तियों के कानो तक पहुँचते ही गांधी के विचारों व देश की आजादी के लिए किए गए उनके प्रयासों की रूपरेखा आँखों के आगे घूमने लगती है। गांधी के विचारों को कार्टूनों द्वारा देखने का प्रयास किया जा रहा है। जहां आप गांधी के 153वीं जयंती मनाने के साथ ही उनके विचारों की प्रासंगिकता व्यंग्यचित्र के माध्यम से देख पाएंगे , वर्तमान परिस्थितियों में नए कार्टूनिस्टों व गांधीवाद पर उनके नजरिए को भी समझ पाएंगे। बता दें कि गांधी के विचारों कि प्रासंगिकता व्यंग्यचित्रों में दिखने को मिलती है। गौरतलब है कि गांधी पूरे देश में सभी नगर निकायों , विभागों , संग्रहालयों सहित विभिन्न अकादमियों द्वारा ग...